सेना के अनुसार, ये गोले पाकिस्तान की ओर से 7 से 10 मई के बीच हुई गोलाबारी के बाद बचे रह गए थे। इन्हें चज्जला, झूलास, मेंधर, मनकोट और लोअर कृष्णा घाटी जैसे गांवों में ढूंढकर निष्क्रिय किया गया।